इस यात्रा के बारे में शुरू से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें–
4 लेन के बरौनी–पूर्णिया हाइवे पर मेरी बाइक धुआँधार भागने लगी। लेकिन यह खुशी कुछ ही किलोमीटर जाने के बाद काफूर हो गयी। दरअसल यह एक निर्माणाधीन हाइवे है और काफी दूर तक मुझे गिट्टी पड़ी सड़क पर ही चलना पड़ा। अभी इसे फोर लेन बनाने की शुरूआत भर हो सकी है। लब्बोलुआब ये कि सड़क दो लेन की ही थी और नतीजा ये कि यात्रा में समय अधिक लगने वाला था। अब मेरी मंजिल थी भागलपुर या फिर भागलपुर के आस–पास स्थित कोई अन्य महत्वपूर्ण स्थल। लगभग सीधी सड़क कभी गंगा के पास तो कभी दूरी बनाते हुए चल रही थी। खगड़िया के बाद तो यह गंगा और कोसी के दोआब क्षेत्र में प्रवेश कर गयी। वैसे तो यह अप्रैल का महीना था लेकिन नदियों ने पर्याप्त हरियाली उपजा रखी थी।