3 अक्टूबर को अत्यधिक सतर्कता बरतने वाले लेफ्टिनेंट जनरल उमराव सिंह को पूर्वी क्षेत्र के कोर कमाण्डर पद से हटा दिया गया और उनके स्थान पर जनरल बी.एम.कौल को कोर कमाण्डर बना दिया गया जो नेहरू और कृष्ण मेनन के विश्वासपात्र थे। जनरल कौल को कई या सम्भवतः 12 सैन्य अधिकारियों की वरिष्ठता को नजरअंदाज करते हुए प्रमोशन दिया गया था। कौल के पास लड़ाइयों का कोई अनुभव नहीं था। कौल ने अव्यावहारिक तरीका अपनाते हुए और अन्य सैन्य कमाण्डरों की सलाह को अनदेखा करते हुए,ढोला और थागला पर कब्जा करने के लिए दो बटालियनों को मैदानी इलाके से ऊपर बुला लिया।
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Friday, June 12, 2020
भारत–चीन युद्ध-2
3 अक्टूबर को अत्यधिक सतर्कता बरतने वाले लेफ्टिनेंट जनरल उमराव सिंह को पूर्वी क्षेत्र के कोर कमाण्डर पद से हटा दिया गया और उनके स्थान पर जनरल बी.एम.कौल को कोर कमाण्डर बना दिया गया जो नेहरू और कृष्ण मेनन के विश्वासपात्र थे। जनरल कौल को कई या सम्भवतः 12 सैन्य अधिकारियों की वरिष्ठता को नजरअंदाज करते हुए प्रमोशन दिया गया था। कौल के पास लड़ाइयों का कोई अनुभव नहीं था। कौल ने अव्यावहारिक तरीका अपनाते हुए और अन्य सैन्य कमाण्डरों की सलाह को अनदेखा करते हुए,ढोला और थागला पर कब्जा करने के लिए दो बटालियनों को मैदानी इलाके से ऊपर बुला लिया।
Friday, June 5, 2020
भारत–चीन युद्ध-1
दि्वतीय विश्व युद्ध से पूर्व चीन को "एशिया का रोगी" (The sickman of Asia) कहा जाता था। ब्रिटेन,फ्रांस,अमेरिका और जापान जैसी शक्तियों ने उसका खूब राजनीतिक और आर्थिक शोषण किया था। वे उसे पूरब का तरबूज (Chinese Melon) समझते थे। किन्तु 1949 में साम्यवादी क्रान्ति के बाद चीन का एक महाशक्ति के रूप में उदय हुआ। 1 अक्टूबर 1949 को माओत्से तुंग के नेतृत्व में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की स्थापना हुई। आज की तारीख में भारत को आँखें दिखाना वाला चीन,भारत की स्वतंत्रता के समय गृहयुद्ध में उलझा हुआ था।