धारवाड़ समूह की चट्टानों के निर्माण के पश्चात,एक लम्बे समयान्तराल के बाद इस समूह की चट्टानों का निर्माण हुआ। इस दीर्घकाल में अनेक भूगर्भिक हलचलें हुईं जिससे दो संस्तरों में ये शैलें मिलती हैं। इनमें सबसे नीचे कुडप्पा समूह और ऊपरी भागों में विंध्यन समूह की शैलें पाई जाती हैं।
(1) कुडप्पा समूह की शैलें– कुडप्पा समूह की शैलें आर्कियन और धारवाड़ शैलों के ऊपर असम्बद्ध रूप में,विभिन्न मोटाई की,अनेक समानान्तर प्राचीन अवसादी शैलों के रूप में स्थित हैं। इनका नामकरण आन्ध्र प्रदेश के कुडप्पा जिले के नाम पर हुआ है जहाँ ये एक विस्तृत अर्द्ध–चन्द्राकार क्षेत्र में फैली हुई हैं। यहाँ ये 6000 मीटर से भी अधिक मोटी हैं।