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काण्डई बुग्याल से थोड़ी ही दूर चलने के बाद जंगल फिर से शुरू हो गया। साथ चल रहे साधु महाराज ने बताया कि ये जंगल अब अंत तक साथ चलेगा। मतलब ये कि सगर वाले रास्ते की तुलना में इस रास्ते के अधिकांश भाग पर जंगल है और यह जंगल काफी घना भी है। वैसे जंगल का डर अब तक मन से निकल चुका था। अब जंगल में चलने में मजा भी आ रहा था। हाँ,रास्ते का तेज ढाल उतराई में भी दिक्कतें पैदा कर रहा था। वैसे जंगल का मौसम काफी सम रहता है। साधु महाराज को जंगल से डर लग रहा था जबकि मुझे मजा आ रहा था।
काण्डई बुग्याल से थोड़ी ही दूर चलने के बाद जंगल फिर से शुरू हो गया। साथ चल रहे साधु महाराज ने बताया कि ये जंगल अब अंत तक साथ चलेगा। मतलब ये कि सगर वाले रास्ते की तुलना में इस रास्ते के अधिकांश भाग पर जंगल है और यह जंगल काफी घना भी है। वैसे जंगल का डर अब तक मन से निकल चुका था। अब जंगल में चलने में मजा भी आ रहा था। हाँ,रास्ते का तेज ढाल उतराई में भी दिक्कतें पैदा कर रहा था। वैसे जंगल का मौसम काफी सम रहता है। साधु महाराज को जंगल से डर लग रहा था जबकि मुझे मजा आ रहा था।