बराबर से गया की ओर जाने के लिए मुझे हाइवे पकड़ना था। पतली सड़कों से रास्ता पूछते हुए चलने में कोई बुद्धिमानी नहीं है। तो फिर से फल्गू नदी में उड़ती धूल को पार कर खिज्रसराय पहुँचा और वहाँ से फल्गू नदी के किनारे–किनारे गया की ओर। जेब के पैसे खत्म हो चुके थे तो मैंने खिज्रसराय में ही ए.टी.एम. की मदद ली। धूप ने पेट की भूख को भी समाप्त कर दिया था। तो खाने की कोई जरूरत नहीं थी। केवल पीते हुए ही चलना था। शाम के 4 बजे मैं गया रेलवे स्टेशन के पास पहुॅंच गया।
Friday, July 26, 2019
Friday, July 19, 2019
बराबर की गुफाएँ
बिहार का जहानाबाद जिला। दिन के 10 बजे जब मैं बराबर पहुँचा तो धूप मेरे बराबर हो गयी थी। और अब मुझसे आगे निकलने की होड़ में थी। मुझे बराबर की पहाड़ियों पर इसी तपती धूप में ऊपर चढ़ना था तो मैं सामने आने वाली परिस्थिति का अनुमान भी लगा रहा था। सुबह का समय इन पहाड़ियों पर घूमने के लिए बहुत मुफीद रहा होता लेकिन मेरे लिए वह समय निकल चुका था। मैंने बराबर के चौराहे पर एक कोने में थोड़ी छाया देखकर बाइक खड़ी की और सामने वाले दुकानदार से उसकी निगरानी करने के लिए निवेदन किया।
Friday, July 12, 2019
पावापुरी से गहलौर
इस यात्रा के बारे में शुरू से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें–
नालंदा से 3 बजे पावापुरी के लिए चला तो आधे घण्टे में पावापुरी के जलमंदिर पहुँच गया। नालंदा के खण्डहरों से इसकी दूरी 15 किमी है। दोनों स्थानों के बीच सीधा रास्ता नहीं है। कई सम्पर्क मार्गाें से होते हुए जाना है। काफी पूछताछ करनी पड़ी। पावापुरी कस्बा पार करने के बाद दूर से ही पावापुरी का जलमंदिर दिखायी पड़ने लगता है। कमल के पत्तों से भरे एक बड़े तालाब में सफेद रंग में चमकता जलमंदिर दूर से ही अपनी भव्यता की कहानी कह रहा था। पावापुरी कस्बा जलमंदिर के पश्चिम की तरफ है जबकि जलमंदिर के उत्तर तरफ पावापुरी गाँव बसा हुआ है।
Friday, July 5, 2019
नालंदा–इतिहास का प्रज्ञा केन्द्र
दिन के 11 बज चुके थे। राजगीर के बस स्टैण्ड चौराहे पर 30 रूपये वाला ʺमेवाड़ प्रेम मिल्क शेकʺ पीकर मैं नालन्दा की ओर चल पड़ा। लगभग 12 किमी की दूरी है। लेकिन नालन्दा पहुँचने से पहले राजगीर से लगभग 7 किमी की दूरी पर एक कस्बा पड़ता है– सिलाव। और अगर आप राजगीर से नालन्दा जा रहे हों तो सिलाव में 5 मिनट देना आवश्यक है। वो इसलिए नहीं कि सिलाव कोई ऐतिहासिक स्थल है वरन इसलिए कि सिलाव में ʺखाजाʺ (एक प्रकार की मिठाई) मिलता है। बिना इसे खाये सिलाव से आगे बढ़ना ठीक नहीं।
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