माता ने बुलाया हैǃ
कहते हैं कि माता वैष्णो के यहाँ से बुलावा आता है,तभी आदमी वहाँ तक पहुँच पाता है। वैसे तो मन में आता है कि साल में कम से कम एक बार जरूर माता के दरबार में हाजिरी लगा लूँ लेकिन माता बुलाये तब तो। 2014 के जून महीने में माता के दरबार तक एक बार पहुँचा था लेकिन 2015 खाली–खाली ही बीत गया और माँ ने बुलावा नहीं भेजा। 2016 भी बीत गया और लगने लगा कि माँ कुछ नाराज है लेकिन 2017 में माँ ने बुलावा आखिर भेज ही दिया। समय का बहुत ही अभाव था लेकिन सितम्बर महीने के पहले सप्ताह में संयोग बन गया।
कहते हैं कि माता वैष्णो के यहाँ से बुलावा आता है,तभी आदमी वहाँ तक पहुँच पाता है। वैसे तो मन में आता है कि साल में कम से कम एक बार जरूर माता के दरबार में हाजिरी लगा लूँ लेकिन माता बुलाये तब तो। 2014 के जून महीने में माता के दरबार तक एक बार पहुँचा था लेकिन 2015 खाली–खाली ही बीत गया और माँ ने बुलावा नहीं भेजा। 2016 भी बीत गया और लगने लगा कि माँ कुछ नाराज है लेकिन 2017 में माँ ने बुलावा आखिर भेज ही दिया। समय का बहुत ही अभाव था लेकिन सितम्बर महीने के पहले सप्ताह में संयोग बन गया।